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***सुरमई शाम …..***
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सुरमई शाम …..
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा सा अंज़ाम दे दें ।
इससे पहले किसी मोड़ पे रूठें मौसम अपने,
आओ अपने अरमानों एक सुरमई शाम दे दें ।।
अच्छी और कुछ ठान लेने वाली रचना.
बधाई सरना साहब .
Thanks a lot Harish jee for ur so sweet comment
दिल के मामले, ऐतबार से ही जोड़े जाते हैं,
यूं ही डर डर के सरना, प्यार तो करते नहीं पगले.
Enjoy your evening. Good Luck.
SS Kumar
शौक़ से दीजिये जो दिल करता,
दिल की सुनना बहुत जरूरी है.
आज पूरा करें हरेक अरमान,
साध जो जो रही अधूरी है.