« ये एहतियात वफ़ा में बहुत ज़रूरी है। | जय माँ शारदे » |
हर पल हो महसूस बदन पर तेरी सबल बाहों का घेरा।
Uncategorized |
कैसे बताऊँ मैं दुनिया को क्या रिश्ता है तेरा मेरा
हर पल हो महसूस बदन पर तेरी सबल बाहों का घेरा।
लोग बताते बस माया है जड़ जंगम संसार समूचा
देख रहे सब नींद में सपना जब तक होता नहीं सवेरा।
नाच रहा है रुधिर शिरा में धड़क रहा है ह्रदय हठीला,
जब तक बीन बजाता जाता वह अनदेखा अगम संपेरा,.
कब झोंका आ जाय हवा का,कब बदले परिदृश्य क्षणों में,
कब तक रहना किसे पता है सचल रेत पर नक्श उकेरा।
बहुत खूब
हर शेर बहुत मन भाये
जब तक तुम हो साथ हमारे हर क्षण लगता सुख का डेरा
नही फर्क कुछ पड़ता मुझको रात हो या हो जाय सवेरा ….
dhanyavad