« »

हर पल हो महसूस बदन पर तेरी सबल बाहों का घेरा।

0 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 5
Loading...
Uncategorized

कैसे बताऊँ मैं दुनिया को क्या रिश्ता है तेरा मेरा

हर पल हो महसूस बदन पर  तेरी सबल बाहों का घेरा।

 

लोग बताते  बस माया है जड़ जंगम संसार समूचा

देख रहे सब नींद में सपना जब तक होता नहीं सवेरा।

 

नाच रहा है रुधिर शिरा में धड़क रहा है ह्रदय हठीला,

जब तक बीन बजाता जाता वह अनदेखा अगम संपेरा,.

 

कब झोंका आ जाय हवा का,कब बदले परिदृश्य क्षणों में,

कब तक रहना किसे पता है सचल रेत  पर नक्श उकेरा।

2 Comments

  1. Vishvnand says:

    बहुत खूब
    हर शेर बहुत मन भाये

    जब तक तुम हो साथ हमारे हर क्षण लगता सुख का डेरा
    नही फर्क कुछ पड़ता मुझको रात हो या हो जाय सवेरा ….

  2. SN says:

    dhanyavad

Leave a Reply