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***हर निगाह हो पासबाँ …..***
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हर निगाह हो पासबाँ …..
जहां सरफरोशी का हो ज़ज्बा धुन हो बसंती चोले की
फिर ऐसी ज़मीं पे कैसे भला दुश्मन की गोली बोलेगी
जहां हर निगाह हो पासबाँ और खूं में जनूं का जोर हो
फिर ज़र्रे ज़र्रे से ऐसे वतन की सदियों आज़ादी बोलेगी
सुशील सरना /2013
Sundar bhaav ki abhivyakti
haardik shukriya SIR jee aapkee is madhur pratikriya ka