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लफ्जों से लेता खेल जो तू,ले खुद को न तुलसी सूर समझ.
Hindi Poetry |
तू दुनिया का दस्तूर समझ
मतलब की बात ज़रूर समझ.
जो काम न आता हो तेरे
उसको रखना है दूर,समझ.
इज़हारे मुहब्बत ठीक नहीं
सब लें न तुझे मजबूर समझ.
सबसे न उमीदे उल्फत रख
सब इसको रहे फितूर समझ .
दिखला न सभी को ज़ख्मे जिगर,
सब लें न इसे नासूर समझ .
कर रक्स बरहना बदन अगर
चाहे होना मशहूर समझ .
तू सह न सितम यूँ लब सीकर,
सब लेंगे तुझे मंज़ूर समझ .
लफ्जों से लेता खेल जो तू,
ले खुद को न तुलसी सूर समझ.
aik sahaj,sundr,aur aantrik bhaavon se ot prot gazal, meree tumhaaree hm sabkee gazal-badhaaee badhaaee badhaaee aapko Singh saahib
dhanyavad sarthak aur sajag tippanee ke liye Sarna Sahab.