« Road of peace and hope | R A T I N G S ….! » |
संभल के ज़रा देखियो सबकी जानिब, तुम्हारे ये नैना तो क़ातिल बड़े हैं।
Hindi Poetry |
कभी फिर सुनेंगे तुम्हारी कहानी, अभी ज़िन्दगी में मसाइल बड़े हैं।
हुई हमको हासिल न तिल भर जगह भी,सुना था सभी के यहाँ दिल बड़े हैं।
समझ बैठे आसां मुहब्बत की मंजिल,मराहिल ये या रब तो मुश्किल बड़े हैं।
संभल के ज़रा देखियो सबकी जानिब, तुम्हारे ये नैना तो क़ातिल बड़े हैं।
जुटे जश्न में क्यूँ मेरे नाखुदाओं, भंवर में हैं हम दूर साहिल बड़े हैं।
हुई दुर्दशा देश की उनके हाथों,जिन्हें सब बताते थे क़ाबिल बड़े हैं।
समझते थे जिनको बड़े चुस्तो चौकस, खुला राज़ आखिर वो गाफिल बड़े हैं।
vaah vaah bahut khuub aur prabhaavii
har ik chhand laagaa hai arthpoorn sundar
Commennds….
हुई दुर्दशा देश की उनके हाथों,जिन्हें सब बताते थे क़ाबिल बड़े हैं।
chunaa thaa jinhe desh ke kuch bhale ko bane desh ke hii vo dushman bade hain
thanks