« तेरी दुनियाँ में क्या मेरे सिवा कोई नहीं… | ***अज़ीज़ों की तरह …*** » |
हम से वक़्त नहीं, वक़्त से हम है…!
Hindi Poetry |
वक़्त बहुत कुछ कह गया,
फिरभी लगता है जैसे… कुछ रह गया…!
वक़्त चलता ही रहता है….
बिना रुके – बिना झुके वो दौड़ता ही रहता है…!
गलतियां तो वक़्त भी करता है,
एक – दो नहीं, बहुत सी करता है…
लेकिन उस गलतियों से प्रभावित हो कर वो रुक नहीं जाता, पर उसी गति से वो आगे बढ़ता ही जाता है…!
इंसान को ज़िन्दगी के हर गम भी वक़्त देता है और उसे भुलाने का मर्हम भी वक़्त ही देता है…!
वक़्त कभी दुश्मन भी है, तो इंसानों का सच्चा दोस्त भी वक़्त ही है…!
क्योंकी… हम से वक़्त नहीं, वक़्त से हम है…!