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दीवाली
Hindi Poetry |
दीवाली में दिये जलाते हैं,
पडोसी से बढ़कर ज्यादा रोशन और चमकदार,
क्या जो भगवान ने दिया है
उसे दिखा कर पडोसी को जलाने के प्रयोजन से,
असली ख़ुशी और समृद्धि
क्या नहीं मिलेगी जब-
आस पड़ोस में खुशियों की खुशबू
एकसार फैले,
हर पडोसी का पेट भरा हो और दिल न जल रहा हो!