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गीत– कैसे परायी हो जाओगी —

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Hindi Poetry

ऐसे केसे परायी हो जाओगी ।
दिल धड्केगा तब तक दिल में रहोगी ।

दूरियां बदने से प्यार होता नही कम ।
पहले थे हमकदम अब हो गये हमदम ।
मै तो भुला नही कैसे भूल पाओगी ।
ऐसे कैसे परायी हो जाओगी ।

सामने चेहरा है ना तो क्या ,तस्वीर तेरी दिल में है बसी ।
मन होता है जब भी उदास, दिल बहलाती है तेरी हसी।
लाख रोके हंसी पर क्या रुक पायेगी ।
ऐसे कैसे परायी हो जाओगी ।

राहे बदली है मंजिले भी, मगर ना बदले अपने मन ।
वही चाहते वही सोच है ,वही एकदूजे का अपनापन ।
वो ललक अपनेपन की क्या छुप पायेगी ।
ऐसे कैसे परायी हो जाएगी ।

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