« Miracle with smile | अब भी कुटिया में राम बैठे हैं। » |
चालाकी में कमी न रक्खी, मुखड़े को मासूम रखा।
Hindi Poetry |
नेमत बांटी कुल दुनिया में बस हमको महरूम रखा
लफ़्ज़ों के बर अक्स हमेशा लफ़्ज़ों मफ़हूम रखा। mafhoom-meaning,mahroom-cheated,vanchit
हम भी गए हो हौले हौले माहिर दुनियादारी में
चालाकी में कमी न रक्खी, मुखड़े को मासूम रखा।
आज पड़े है टूटे पर ले भले ख़ाक में हम लेकिन,
वक़्त था वो भी जब कि फ़लक़ को था हमने भी चूम रखा। falaq-gagan,the sky
जाने जिगर ही जाना तुमको हरदम हमने जानाना
नाम हमारा तुमने जानें क्या है क्या मालूम रखा। jaanaanaa-beloved,jaane jigar-essence of life
रेशा रेशा जब उधेड़ कर देखा गया उजालों को,
पाया हर रेशे में लिपटा तम का सिर्फ हुजूम रखा।
घिसीं लकीरें सब हाथों की मेहनतकश मजबूरों की,
कौन बताये आखिर रब ने क्या इनका मक़सूम रखा। maqsoom-destiny,bhagy,rab-God