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“भारत”
Hindi Poetry |
“भारत”
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मैं जिस धरती पर खड़ा हूँ
उसको कहते भारत देश।
राम भूमि है, कृष्ण-भूमि है,
उत्तर में हिमगिरि छाया,
पूरब-पश्चिम दक्षिण में
जलनिधि सतत है लहराया ।१l .
पूर्ण धरा पर अतिमनभावन
हिम-जल है सदा अतिपावन,
ये स्वर्गसा क्षेत्र विशेष लुभावन ।२।
साधु-संत सब यहीं विराजत,
ऋषि-मुनियों का डंका बाजत,
देववृन्द सब यहीं है राजत२
बुत-मस्जिद, गुरुद्वार, गिरजाघर
सर्वाधिक हैं इसी भूमि पर ।३l
संविधान सर्वमान्य यहाँ का,
न्यायालय स्वतंत्र पृथक से,
धन्य हमारा देश व भेष,
अन्य देशों को लगती ठेस .
अतः सदा इस देश की सोचो,
उन्नत होकर ऊंचे पहुँचो ।४।
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Raajneeti kaa yahaan par patan
Secular dankaa kare vibhaajan ….!
Hearty commends for the posting ….!