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तरस आता है मुझे अपनी मासूम पलकों पर…
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तरस आता है मुझे अपनी मासूम पलकों पर
जब वो भीग के कहती हैं अब रोया नहीं जाता
सब भूल के फिर सबको याद कर लेता हूँ
भूलना क्या जब उन निगाहों को भुलाया नहीं जाता
तेरी निशानियाँ जला भी दूं तो क्या है
तेरी यादों को किसी सूरत जलाया नहीं जाता
इन नामुराद पैमानों को दे दो मेरे लबो का पता
बेबसी ऐसी है कि हमसे हाथ हिलाया नहीं जाता
इन बेपरवाह खुशियों से कह दो न आज़माए शकील
अब हालात किसी पहलु हो हमसे मुस्कुराया नहीं जाता
vaah vaah kyaa baat hai, bahut badhiyaa
Padh,uth khade ho taaliyaan bajaaye bin rahaa nahiin jaataa
Hearty Kudos ….!