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वही गीत
Hindi Poetry |
जब भी गाँव को जाता हूँ।
वही गीत फिर गाता हूँ।।
उजड़ा हुआ देख घरौंदा,
आँख में पानी भर लाता हूँ। जब भी ..
खेतों की पगडंडी जिस पर;
चले थे हम सालो-साल,
कहीं ढूंढ नहीं पाता हूँ । जब भी ..
पीपल अमुआ की वो डाली;
जिस पर झूले थे मेँ और काली।
भूल नहीं पाता हूँ । जब भी..
gaono ki baate hum sab bhool gaye hai aapne yaad dilai dhanyabad