« यादें… | पर्दे में मिलता रहा वो और ख़ुदा भी….. » |
बस है एक उम्मीद
Hindi Poetry |
भूखे को रोटी की
हंस को मोती की । बस है एक उम्मीद
निर्धन को धन की
निर्बल को बल की । बस है एक उम्मीद
भिखारी को भिक्षा की
विध्यार्थी को शिक्षा की । बस है एक उम्मीद
तोता को मैना की
रोता को चेना की । बस है एक उम्मीद
जोकर को हँसाने की
ठग को फँसाने की । बस है एक उम्मीद
दुल्हन को पिया की
अंधेरे में दिया की । बस है एक उम्मीद
Good one liked it….
Aur bhii apanii rachanaayen post karenge,
anya members kii bhii post kii huii rachnaaye padhenge aur unpar apne comment aur ratings jaroor denge
Bas yah bhii hai aapse ik ummeed ….!
Very well experessed straight from the heart with choice words.
Keep it up. Kusum