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मेरी तन्हाई …
Hindi Poetry |
मेरी तन्हाई …
तन्हा लम्हों में .उसके काजल की स्याही बाकी है
उसकी यादों में लिपटी अभी मेरी तन्हाई बाकी है
वज़ह बन गए हैं जो ज़िन्दगी में चलती साँसों की
उनके हसीन ख़्वाबों से ..अभी मेरी रिहाई बाकी है
सुशील सरना
Waah! Ati sundar! Last line,superb!