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किसी मोड़ पर तू जो बिछुड़ा अचानक

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Hindi Poetry

किसी मोड़ पर तू जो बिछुड़ा अचानक
बदल जायेगा ज़िन्दगी का कथानक
बचीं ही कहाँ मान्यताएं पुरानी
नया युग है रखता नए मूल्य मानक
सभी का गया बन फ़क़त पीर पैसा
महावीर गौतम न शंकर न नानक
मची लूट निर्लज्ज संसाधनों की
छिड़े है महायुद्ध हरसू भयानक

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