« उखाड़े जा रहे ईंटें जिसे भी मिल रहा मौक़ा | मेरा देश है भारत और मेरी भाषा हिंदी है। » |
किसी मोड़ पर तू जो बिछुड़ा अचानक
Hindi Poetry |
किसी मोड़ पर तू जो बिछुड़ा अचानक
बदल जायेगा ज़िन्दगी का कथानक
बचीं ही कहाँ मान्यताएं पुरानी
नया युग है रखता नए मूल्य मानक
सभी का गया बन फ़क़त पीर पैसा
महावीर गौतम न शंकर न नानक
मची लूट निर्लज्ज संसाधनों की
छिड़े है महायुद्ध हरसू भयानक