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फिसलन भरी राहों पर…….***

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Hindi Poetry

फिसलन भरी राहों पर…….

फिसलन भरी राहों पर जब दो दिल साथ चलते हैं
बर्फीली फ़ज़ाओं में .मुहब्बत .के .अलाव जलते हैं
ओढ़ कर धुंध की चादर जब .रजनी .सो .जाती हैं
तब हया में लिपटे .कुछ .हसीं जज़्बात पिघलते हैं

सुशील सरना

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