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अब यहाँ पतझड़ की ऋतु है …

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English Poetry, Hindi Poetry

ना किसी गीतों मे धुन है
ना किसी बातों मे रस है
तेरे बिन लगता है जैसे,
वक्त भी ठहरा सा बस है

ना यहाँ मरने का गम है
ना यहाँ जीने की सुध है
तेरे बिन लगता है जैसे,
अब यहाँ पतझड़ की ऋतु है

To Be Continue…

2 Comments

  1. Vishvnand says:

    Badhiyaa ….! 🙂

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