« सबको खलने लगा मेरा क़द है | वो दामन समेटे, वो आँखें झुकाये » |
बना खिलौना मत ख़ुद को दुनिया बैठी चाभी ले
Hindi Poetry |
इन्सां का चोला भी ले
अब नाखून कटा भी ले
कौन लिफाफा खोलेगा
मत ये फ़िक्र ज़रा भी ले
बना खिलौना मत ख़ुद को
दुनिया बैठी चाभी ले
घुट घुट के मर जायेगा
चल दुख दर्द सुना भी ले
बन ग़रीब की जोरू मत
दुनिया बना न भाभी ले
नाव भँवर में जाती है
अब पतवार उठा भी ले
हलफ़ तेरी जग जाने है
जैसे क़सम शराबी ले
भले फाख्ता सा दिल हो
मुखड़ा बना उक़ाबी ले
समझ सोच दे दुआ उसे
ले ले तुझसे, ना भी ले
कल क्या हो किसने देखा
खुशियाँ आज मना भी ले
क़ारे जहां में खोया है
हाल चाल अपना भी ले
नज़र लगे ना दुनिया की
ढँक ये गाल गुलाबी ले