« कहते हैं कुछ उनका लेकिन मतलब दीगर होता है | जमा हुये हैं फिर रैली में सारे मनसबदार सखे » |
नज़रअन्दाज़ करते हैं मगर अन्दाज अच्छा है
Hindi Poetry |
नज़रअन्दाज़ करते हैं मगर अन्दाज अच्छा है
नहीं लगते हैं सुर, पर दे़खने में साज अच्छा है
सरासर नासमझ हैं हम न कोई फर्क पाते हैं
वो कहते हैं पुरानों से हमारा राज अच्छा है
जमीं से आसमां तक के कुलाबे क्या मिलाता है
हक़ीक़त कुछ भी हो बन्दा मगर लफ्फाज़़ अच्छा है
सुबह होते ही जारी हो गई वादों की बारिश है
न जानूं शाम की दिन का मगर आग़ाज़ अच्छा है
कोई भी हो महज चिड़िया को नुचना ही बिलआख़िर है
सभी कहते हैं चुन ले कौन वाला बाज़ अच्छा है
सभी को ख़ाक़ होना है वो मिट्टी है कि सोना है
न इतनी तमकनत अच्छी, न ऐसा नाज़ अच्छा है
रवैया मुनहसिर इस पर कि किसका काम किससे है
ज़रूरी क्या है कल भी हो अगर वो आज अच्छा है