« बादर मत बरसो दिन रेन | ग़ज़ल: एक शख्स मिला था…बा-रदीफ़ ‘हुआ’ » |
अक्षर-अक्षर जोड़ लिखा है….
Hindi Poetry |
अक्षर–अक्षर जोड़ लिखा है,
पर शब्दों को तोड़ लिखा है।
भूल गया हूँ लेखन- वेखन ,
मन का एक मरोड़ लिखा है।
जब भी वक्त मिले पढ़ लेना,
मुझसे मुँह मत मोड़ लिखा है।
लगता है अपनी किस्मत में,
गम से ही गठजोड़ लिखा है।
खुशियों के पिछवाड़े देखो,
मेरा पीछा छोड़ लिखा है।
मन्नत पूरी किस-किस की हो,
आये लाख करोड़ लिखा है।
**हरीश**चन्द्र**लोहुमी**
***************************
मन का एक मरोड़ लिखा है।
बहुत अच्छे से शब्दो को पिरोया है बहुत सुंदर !
man ke antrdwand ka sundr chitran…..haardik badhaaee Harish jee
Harish Ji bahut khoob as usual