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बादर मत बरसो दिन रेन

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Hindi Poetry

मौसम खराब है बर्फवारी ओले और बरसात का आलम मार्च माह मे बरसात जैसा है फसले तबाह हो गयी है आवाम अपने भविष्य को लेकर चिंतित है बादलो के लिये यह अनुरोध गीत भेज रहा हूँ प्रार्थना करे की पृ्थ्वी पर जीवन की सृष्टि आसान बनाये ,सादर समर्पित है ।

बादर मत बरसो

बादर मत बरसो
दिन रेन
बादर मत बरसो
दिन रेन ।
जिन अखियों मे
नीर न आये
उन्ही बसत है चैन
बादर मत बरसो
दिन रेन ।
ऊँचे पर्वत
पेड़ विराजत
काटे से मर जेहें
बहती नदियाँ
निर्मल रहती
रूकी थकी बेचेन
बादर मत बरसो
दिन रेन

कमलेश कुमार दीवान
4 मार्च 2015

2 Comments

  1. Harish Chandra Lohumi says:

    सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ! वाह !!!

  2. anil dhakre says:

    किसानों के दर्द की अच्छी अभिव्यक्ति !

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