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उठी जो बात सरे बज़्म बेवफ़ाई की
Hindi Poetry |
उठी जो बात सरे बज़्म बेवफ़ाई की
मिसाल देने लगे अपनी पारसाई की
वो आईने को लगे ख़ुद भला बुरा कहने
जो काटने को चले थे जड़ें बुराई की
बस अपने हक़ की हिफ़ाज़त मे हो गये मसरूफ
जो मांग करते रहे सबसे फ़र्ज़ अदाई की
Bahut badhiyaa kataaksh …!
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