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क्या हुआ क्यों हाथ काँपे आप के
Hindi Poetry |
वार ये भी आप का खाली गया
क्या हुआ क्यों हाथ काँपे आप के
हो रहा तबदील है माहौल भी
पैंतरे पलटे यहाँ पे आप के
उनसे आगे जा रहा है कारवाँ
रास्ते जो जो थे नापे आप के
हैं हवायें तेज़ अब ऐसा न हो
खोल जायें पाप ढाँपे आप के
दर्द का जैसे उड़ाते हैं मज़ाक
दूरदर्शन पर सियापे आप के
भाप ज़्यादा कम है पानी पात्र में
सत्य सबने मित्र भाँपे आप के
उनसे आगे जा रहा है कारवाँ
रास्ते जो जो थे नापे आप के…..waaaaaaaaah bahut hee khoobsoorat gazal bn pdee hai aadrneey singh saahib…haardik badhaaee sweekaar krain sir
dhanyavad sarna ji