« रिटायरमेंट …नयी जिंदगी….! | उठी जो बात सरे बज़्म बेवफ़ाई की » |
तन्हा शब में ….***
Hindi Poetry |
तन्हा शब में ….
लम्हे …संजोने ..के .लिए बहुत हैं
यादें ..भिगोने.. के ..लिए बहुत हैं
ज़ख़्म.. भरते . .नहीं ..बेवफाई के
यूँ अश्क ..रोने ..के ..लिए बहुत हैं
हाँ मेरी चाहत की …ज़मीं है छोटी
पर ख़्वाब ..बोने ..के लिए बहुत हैं
बहुत कमजोर है ..सांसें ..फिर भी
ये पिंजर ..ढोने ..के .लिए बहुत हैं
तन्हा शब में ..लिपटी ..यादें तेरी
दामन ..भिगोने ..के लिए बहुत हैं
यूँ नज़र से छलकती मय के कतरे
रिन्दों को ..डुबोने के लिए बहुत हैं
सुशील सरना
Bahut badhiyaa,
manbhaayii
Badhaaii
many many thanks for ur encouraging comment aadrneey Vishvnand jee