« तुझसे मिल कर सुकून आता है | Godwards » |
थोड़ी गुंजाइशे सुलह रखिये
Hindi Poetry |
दिल को क़ाबू में इस तरह रखिये
सबको सबकी सही जगह रखिये
दुश्मनी देर तक नहीं रहती
थोड़ी गुंजाइशे सुलह रखिये
दोस्ती गर नहीं तो रंजिश ही
मिलने जुलने की कुछ वजह रखिये
जो खलिश हो बज़ा है कह दीजे
दिल में बेकार क्यों गिरह रखिये
Bahut acchhe vichar hai aapke.
Shabd rachana bhi bahut khub.
Likhate rahiye.
Kusum
Vaah Vaah, bahut khuub aur sundar …!
Sir reading you after a long time, very beautiful/meaningful lines