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प्यासी देह …..
Hindi Poetry |
प्यासी देह …..
मन की कंदराओं में किसने …….
अभिलाषाओं को स्वर दे डाले …….
किसकी सुधि ने रक्ताभ अधरों को ……
प्रणय कंपन के सुर दे डाले//
मधुर पलों का मुख मंडल पर ……..
मधुर स्पंदन होने लगा ………
मधुर पलों के सुधीपाश में ……..
मन चन्दन वन होने लगा//
नयन घटों के जल पर किसकी …….
स्मृति से हलचल होने लगी ……..
भाव समर्पण का लेकर काया …….
मधु क्षणों में खोने लगी//
किसको छूकर हृदय द्वार पर …….
पवन ने दस्तक दे डाली ……
नृत्य भाव में मग्न हो गयी ……
प्यासी देह की हर डाली//
सुशील सरना
बहुत सुन्दर
thanks for ur sweet comment aadrneey Rajendra Sharma jee
Sundar rachanaa,
manbhaavan ….!
aa.Vishvnand jee rachna pr aapkee madhur prashansa ka haardik aabhaar