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लिखते है गजल
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लिखते है गजल
लिखते है गजल हम भी गीतो की तरह से
साहित्य की दुनियाँ मे कोई अपना नही होता ।
एक ख्वाब है गाना ,हर शब्द समझना
इतना तो इस सदी का सपना नही होता ।
कविता तो एक नदी है किनारा नही कोई
यह वक्त तकाजो से समझना नही होता ।
हम यह तो कहे सबको सहना है बहुत कुछ
हर साँस साथ साथ है जीना नही होता ।
कमलेश कुमार दीवान
लेखक
20 मई 2015
ahsaas kaa pyaaraa saa bayaan ….!
Rachanaa manbhaayii ….!