« உன் கண்கள் ! | உன் விழி கொண்டு » |
काश
Uncategorized |
शम्मा ए उम्मीद कभी न बुझाता
अगर मैं हवा होता
कोई परवाना न मरता जल कर
अगर मैं शमा होता
उड़ा ले जाता रंजो गम सब का
अगर में धुआ होता
सिवाय इश्क के मैं सब पे बे असर होता
अगर मैं नशा होता
लिपटा रहता आशिकों के दामन से
अगर मैं मजा होता
भूल कर भी न किसी को मय्यसर होता
अगर मैं सजा होता
बक्श देता हर शक्श को उसकी मोहब्बत साहिल
अगर मैं खुदा होता
(Y)Vaah vaah
Bahut hii khoobsoorat saa lagaa
aapkaa ye ahsaas aur andaazebayaan …!
Hearty commends …!