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“माँ”
Hindi Poetry, Uncategorized |
Happy Mother’s Day
“ माँ “
सूरज की पहली किरण के जैसे
हर सुबह जगाती है माँ,
अपनी ममता के आँचल में
प्यार से सहलाती है माँ,
कभी प्यार से, कभी डाँट से
अपनी हर बात मनवाती है माँ,
तारोँ की जगमगाती रात में
लोरी की धुन सुनाती है माँ,
कभी माँ, कभी सहेली बनकर
हर कदम पर साथ निभाती है माँ,
हमारे जीवन के कोरे पन्नों को
इंद्रधनुषी रंगों से सजाती है माँ,
गम के आंसुओं को पीकर भी
हरदम बच्चों के लिये मुस्कुराती है माँ,
कठिन समय में जादू की झप्पी
और हमें एक नया जीवन देती है माँ।
— सोनल पंवार
Very fine sentiments well exopressed.
Kusum
Thank u ma’am.