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ज़िंदगी की जंग

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ज़िंदगी की जंग अकेले ही लड़ रहा हूँ।
क्या सभी अकेले ही लड़ते हैं
मुझे नहीं मालुम है।
मुझे ये भी नहीं मालुम
कि मैं जीतूँगा या हारूँगा ।
बस एक जीतने की चाह है
शायद मिल जाए एक जीत मुझे भी।

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