« गीत मैं तेरे लिखूँ, हाये, मैं काबिल कहाँ ….!(गीत) | Koi kyu itna yaad aata hai » |
सफ़ीने …
Hindi Poetry |
सफ़ीने …
पल पल बदलती सूरत पे मौत के .पसीने हैं l
क्या ख़बर है कितने लम्हे जिंदगी ने जीने हैं l
ग़ुम होती साँसों के संग ज़िंदा चंद .ख्वाब हैं ,
दूर साहिलों के ढूंढते समंदर में .सफ़ीने हैं ll
सुशील सरना