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सफ़ीने … 

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Hindi Poetry
सफ़ीने …

पल पल बदलती सूरत पे मौत के .पसीने हैं l
क्या ख़बर है कितने लम्हे जिंदगी ने जीने हैं l
ग़ुम होती साँसों के संग ज़िंदा चंद .ख्वाब हैं ,
दूर साहिलों के ढूंढते समंदर में .सफ़ीने हैं ll

सुशील सरना

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