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राम राम राम…
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डेरा सच्चा सौदा का, हो गया आख़िरी सौदा…
रामरहीम का छिन गया, गुरु महान का हौदा…
आशाराम के आश्रमों में, लग गये कैसे जाले…
अब तो ले लो बारी सबकी, तोड़ दो सारे ताले…
ना कोई भी धर्म है इनका, ना कोई ईमान…
अंध श्रद्धा में ना बहो, बचाओ अबला की आन…
कलियुग में पाना ज्ञान, यदि होता यूँ आसान…
तो राम राज्य होता यहाँ, ना होते ऐसे काम…
कर्म ही है पूजा जग में, रहो तुम निष्ठावान…
भारत वर्ष अध्यात्म की भूमि, रक्खो इसकी शान…
Good one writtten in proper time when the issue is hot topic.
Best wishes
Kusum Gokarn
Dear Kusum ji, thanks a lot for your beautiful complement. 🙂
Sundar sanvedansheel rachanaa, Manbhaayi
Commends …!
Thanks alot for your valuable words dada. How have you been? Long time… 🙂