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तमाशा
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तेरी रहमातों का अजीब तमाशा है,
हर कोई ना-खुश हर कोई शुक्रगुज़ार है
मैं मैं हूँ, तू तू है, वो वो है,
हक़ीक़त कुछ और है दिखता कुछ और है
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तेरी रहमातों का अजीब तमाशा है,
हर कोई ना-खुश हर कोई शुक्रगुज़ार है
मैं मैं हूँ, तू तू है, वो वो है,
हक़ीक़त कुछ और है दिखता कुछ और है