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अक्षर-अक्षर जोड़ लिखा है… (गीतिका)
Hindi Poetry |
अक्षर-अक्षर जोड़ लिखा है… (गीतिका)
मापनी –16 समांत- ओड़, पदांत- लिखा है ।
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अक्षर-अक्षर जोड़ लिखा है,
पर शब्दों को तोड़ लिखा है।
भूल गया हूँ लेखन- वेखन ,
मन का एक मरोड़ लिखा है।
जब भी वक्त मिले पढ़ लेना,
मुझसे मुँह मत मोड़ लिखा है।
लगता है अपनी किस्मत में,
गम से ही गठजोड़ लिखा है।
खुशियों के पिछवाड़े देखो,
मेरा पीछा छोड़ लिखा है।
मन्नत पूरी किस किस की हो,
आये लाख करोड़ लिखा है।
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हरीश चन्द्र लोहुमी ,
ग्राम- भेटा, पत्रालय-बैजनाथ,
जनपद-बागेश्वर (उत्तराखंड)-263641
Hai sabse madhur yeh geet wohi
Jo dard ke sur mein gaate hain…
Jab bhi mood banega,
Likhate raho.
Shubh Kaamanaa.
Kusum
Nice poem