« !! वर्तमान के पथ पर !! | रूकी-रूकी सी ये ज़िंदगी » |
मनमीत
Uncategorized |
जीवन पथ पर मिलना अपना,
मिलकर साथ निभाना अपना,
अमर उपवन में पुष्प-भ्रमर सा,
बंधन होता जाना अपना,
कैसे बतलाऊँ यह क्या है?
मेरे मन के मीत तुम्ही हो,
जीवन का हर गीत तुम्ही हो,
जीवन की सुन्दर झांकी में,
जगमग जलती ज्योति तुम्ही हो,
कैसे बतलाऊँ तुम क्या हो?
मेरे वैवाहिक जीवन की,
हर पल एक नयी उमंग हो,
रजनीगंधा सी सुगंध हो,
सुख दुःख में मेरा सम्बल हो !!
रुचि मिश्रा
What is so special About Rajnigandha ,
There r Plenty of better flowers.
सुगंध और श्वेत अद्भुत मेल होता है तथा यह कई दिनों तक ताजा रहकर रिश्तों तो सम्बल देता है |