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“माँ- मेरी जीवनरेखा”

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Hindi Poetry

माँ वो ज्योति है
जिससे आलोकित हुआ मेरा जीवन,
माँ वो वृक्ष है
जिसकी छाँव तले पल्लवित हुआ मेरा बचपन,
माँ वो महक है
जिससे सुगंधित हुआ मेरा घर-आँगन,
माँ वो झरना है
जिसके निश्छल स्नेह से कुसुमित हुआ मेरा वृंदन,
माँ वो स्तंभ है
जिस पर आलम्बित मेरे जीवन की आधारशिला है,
माँ वो दर्पण है
जिसमें प्रतिबिम्बित मेरे गुण और अवगुण हैं।
मेरी खुशी, मेरी मुस्कान,
मेरी छोटी-सी दुनिया है ‘माँ’,
मेरा अस्तित्त्व, मेरा आज और कल,
मेरा आने वाला हर पल है ‘माँ’,
मेरे लिए सब कुछ, मेरी पहचान,
मेरी जीवनरेखा है ‘माँ’ ।

– सोनल पंवार

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