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” लॉकडाउन “

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Hindi Poetry

लॉकडाउन,
चारों ओर फैला सन्नाटा,
ना पिकनिक ना सैर सपाटा,
सूनी सड़कें, सूना गलियारा,
जाने कैसा छाया अंधियारा,
अपनों से अपने हुए दूर,
न मिल पाने को हुए मजबूर,
ये कैसी विपदा है आई,
हर तरफ खौफ की है परछाई,
कोरोना ने मौत का ऐसा तांडव है रचाया,
इंसानों के मन में फैला डर का साया,
इस महामारी के आतंक को हमें हराना है,
लॉकडाउन के नियमों का पालन सबको कराना है,
ऐसे कठिन समय में ईश्वर का रुप जो बने
पुलिस, प्रशासन, डॉक्टर, नर्स
सबके जज़्बे को सलाम हमारा है।
हम सब मिलकर पालन करें अपने कर्त्तव्यों का,
हम सब मिलकर ध्यान रखें स्वच्छता का,
घरों में रहें, स्वच्छ रहें, सुरक्षित रहें,
तभी तो हारेगा कोरोना
और जीतेगा हमारा हिन्दुस्तान।

‘जय हिंद’

– सोनल पंवार

6 Comments

  1. Kusum says:

    Good one

  2. rajivsrivastava says:

    Good one

  3. Vishvnand says:

    (Y) Lovely meaningful poem in this unfortunate Covid 19, lockdown situation… hearty commends …! 🙂

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