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‘पिता'(𝙃𝙖𝙥𝙥𝙮 𝙁𝙖𝙩𝙝𝙚𝙧’𝙨 𝘿𝙖𝙮)

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Hindi Poetry


पिता ईश्वर के समतुल्य है,
पिता ईश्वर का साकार रूप है,
इस जहाँ में पिता का
सानी नहीं कोई,
इस जहाँ में पिता जैसा
दानी नहीं कोई।
जन्म लिया जब इस दुनिया में मैंने
प्यार का एक आशियाना दिया,
इस जहाँ से मैं थी अनजान
मेरे अस्तित्त्व को एक नाम दिया,
छोटी-सी मेरी काया को
अपनी गोदी में
सुख का बिछौना दिया,
कदम जब डगमगाए मेरे तो
नन्हें हाथों को थाम
विश्वास का संबल दिया,
बोलने की कोशिश जब की
मेरी ज़ुबां को अपने
शब्दों का सहारा दिया,
बाहर की दुनिया को जब जाना
स्नेह की उड़ान
और खुला आसमाँ दिया,
जीवन के प्रत्येक पथ पर,
प्रत्येक क्षण में,
अपना मार्गदर्शन और आशीर्वाद दिया।
निःस्वार्थ प्यार, पावन आशीष,
मेरा आत्मविश्वास, मेरा स्वाभिमान,
इतना सब कुछ देने वाले
महादानी है ‘पिता’,
मेरा अस्तित्त्व है जिनसे
मेरे जीवनदाता है ‘पिता’।

– सोनल पंवार

4 Comments

  1. kusum says:

    Dear Sonal
    Nice poem as tribute to your beloved father.
    God bless you
    Kusum

  2. Saumya says:

    Well penned,with full of emotions and love.

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