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‘ ममता की मूरत – मां ‘
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मां की दुआओं का असर
कभी कम नहीं होता,
जब होती है मां आसपास
तो कभी गम नहीं होता।
मां वो सुख की बंशी है,
जो हमारे जीवन मे खुशियों की
मधुर सरगम बिखेरती है ।
मां वो सुकून की ठंडी छांव है,
जो हमारे जीवन की तपिश को
अपनी ममता से शीतल करती है।
मां वो नदी की धारा है
जो बिना थके निरंतर बहकर
अपने स्नेह की धारा से
हमारा जीवन पावन करती है।
मां वो उन्मुक्त पवन है,
ज़िंदगी की डोर को थामे जो
हमारी ख्वाहिशों को आसमान देती है।
मां खुशी है, ममत्व संगीत है,
मां सुकून है, मां जननी है,
मां हमारी ज़िंदगी की भोर है,
मां जैसा ना कोई ओर है,
मां ही जमीं, मां ही आसमां है,
जिनके चरणों में है जन्नत
वो ममता की मूरत मां है।
– सोनल पंवार
Very rightly said about mother’s love and care .
Kusum
Thank u Ma’am.
bahut khuub, bahut sundar rachanaa, hardik badhaai…!
Thank u Sir.
Regards
Sonal.
माँ पर सुन्दर कविता
Thank u.