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” चांद तुम वादा करो “
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चांद! तुम वादा करो
इस जग को आलोकित करने का,
अपनी शीतल किरणें बरसा कर
सबके दिलों से राग-द्वेष को मिटाने का,
न जाति, न धर्म, न मज़हब,
ना हो कोई भेदभाव
अपनी चांदनी से हर तिमिर को मिटा दो !
चांद! तुम वादा करो
ऐ चांद! तुम वादा करो
- सोनल पंवार
Apt poem for Kojagiri.
Best wishes
Kusum