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” नव वर्ष – 2022 “

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नव वर्ष लाए नई बहार,
घर आंगन आए खुशियां हज़ार,
मिले सबको आरोग्यता
हो कोरोना महामारी का निदान।

बीता वर्ष लिख गया
एक अनकही दास्तान,
कोरोना के कहर ने
कर दिए कई घर वीरान।
हो गए फासलें अपनों में
रह गई ख्वाहिशें सपनों में,
टूटे सपनों की आहट से
खो गई कितनी ही पहचान,
अर्थव्यवस्था की मार से
पूरा विश्व हुआ परेशान।

इस मुश्किल वक्त में
जब सब थे हैरान,
तब डॉक्टर,नर्स,पुलिस
जैसे कई योद्धाओं ने मिलकर
बचाई इंसानों की जान।
स्वच्छता और सावधानी बना
जन-जन का अभियान,
टीकाकरण के कारण
कुछ राह हुई आसान।

कामना है इस नव वर्ष
यह विपदा रहे हम सबसे दूर,
इस महामारी का आतंक
हो जाए चकनाचूर,
हालात हो जाए काबू
ना हो कोई अपनों से दूर,
डर के साए से मिले आज़ादी
हो जाए कोरोना काफूर
नव उत्साह की कोपलों से
पल्लवित हो नव जीवन,
सावधानी, स्वच्छता और प्रयासों से
सृजित हो स्वस्थ वातावरण।
2022 नव वर्ष लेकर आए
सुख समृद्धि, धन धान्य,
उज्ज्वल भविष्य और सम्मान,
पूरी हो सबकी ख्वाहिशें
मिले सबको सुस्वास्थ्य
और उन्नति का वरदान।
इसी शुभकामना के साथ
आप सभी का ये नव वर्ष
हो मंगलमय और खुशहाल,
मिले ईश्वर का स्नेहाशीष
जिससे आलोकित हो जीवन
और अधरों पर खिले मुस्कान।

–  सोनल पंवार




















2 Comments

  1. kusum says:

    Very timely poem narrating the horrible plight of humans due to the disease named Corona.
    May God soon find relief from it for us all.
    Best wishes
    Kusum

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