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” देश के वीर सपूत “
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‘हे देश के वीर सपूत’
धन्य है वो जन्मभूमि
जहां तुमने जन्म लिया,
धन्य है वो कर्मभूमि
जहां तुमने तिरंगे को थाम लिया,
देश की आन, बान और शान
की रक्षा के लिए,
पग पग अपने सीने पर
दुश्मनों की गोली का वार लिया।
नमन है तुम्हें हे सच्चे सपूत
अपने स्वार्थ से परे तुमने
देश सेवा का लक्ष्य मान लिया,
शौर्य और वीरता की दे मिसाल
दुश्मनों को रणभूमि में हरा
जंग जीतने का वो जज़्बा
निडर हो मन में ठान लिया
और मातृभूमि हित में डटे रहकर
कुर्बान हो शहादत का जाम लिया।
सोनल पंवार✍️
Dear Sonal
Hearty congrats for your heartfelt thoughts for our martyrs who sacrificed their lives for our mother country on the battle field.
God bless them with eternal peace.
Kusum
Thanks a lot Ma’am for your appreciation. 🙏🙏
good poem on martyrs .