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मुरली की तान सुना दे रे
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हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
मथुरा में तूने जनम लिया, गोकुल ने लाड लडाया है
जनम दिया है देवकी ने, जसोदा ने गोद खिलाया है
ना समझ सके तेरी माया तू इसका मर्म बतादे रे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
गोकुल की गलियों में छुप छुप, तूने माखन खूब चुराया है
कांकरिया मार जब गोपिन की, मटकी से माखन खाया है
वैसा ही प्यार तू हे मोहन, इस जग को आन सिखादे दे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे …………..
निष्काम प्रेम की तू मूरत, तूने धर्म का मार्ग दिखाया है
तेरी मंद मंद मुस्कान सखा, मनमोहन रूप दिखाया है
प्यारी बंषी को अधर धरे, सृष्टि का कष्ट मिटादे रे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
हे मुरली मनोहर नंदलाला, मुरली की तान सुना दे रे
Neeraj ji
Bahut sundr kavita.
Jai Shri Krishna.
Kusum
THANKS BAHNA
Bahut sundar manmohak geet, dhun banaakar gaane me bahut mazaa aayaa…! Hearty Commends for the beautiful song/composition…! 🙂